तुम्हारी सुंदरता को आत्मसात करना चाहती हूँ मैं। तुम्हारी सुंदरता को आत्मसात करना चाहती हूँ मैं।
देवनागरी लिपी हमारी। वेदों की बेटी है हिन्दी। देवनागरी लिपी हमारी। वेदों की बेटी है हिन्दी।
बस मनभावन कविता तेरा रूप वो कविता। बस मनभावन कविता तेरा रूप वो कविता।
सुख-दुख का है साथी कौन, हे भगवन बिन तेरे कौन... सुख-दुख का है साथी कौन, हे भगवन बिन तेरे कौन...
सूखे रेगिस्तान में आया है, जैसे मौसम अब की बहार का ! सूखे रेगिस्तान में आया है, जैसे मौसम अब की बहार का !
खुशियों का बरसता सावन है, ऐसे गुरूवर को बारम्बार प्रणाम है। खुशियों का बरसता सावन है, ऐसे गुरूवर को बारम्बार प्रणाम है।